स्पोर्ट्स डेस्क7 मिनट पहले
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भारत दूसरी बार टी-20 क्रिकेट का विश्व विजेता बना, इस बात को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन करोड़ों भारतीय अब भी इमोशनल हैं, वे इसी पल में, इसी जीत में और इसी मोमेंट में रहना चाहते हैं।
फैन्स और हमारे खिलाड़ियों का इमोशनल होना लाजमी भी है, आखिर भारत ने 17 साल बाद टी-20 वर्ल्ड कप जो जीता है। लेकिन इस जीत, इस सपने को साकार बनाने वाले सबसे अहम किरदारों के बारे में शायद आपने अब तक उतना नहीं जाना, जितना उनके बारे में बताया जाना चाहिए।
वे हैं टीम के सभी गेंदबाज, जिन्होंने हर मुकाबले को विपक्षी टीम के जबड़े से छीनकर हमारी झोली में डाला। स्टोरी में जानेंगे इन गेंदबाजों की टी-20 वर्ल्ड कप में परफॉर्मेंस और वे क्यों भारत को 11 साल बाद ICC ट्रॉफी जिताने के सच्चे किरदार साबित हुए।
हर मैच में 8 विकेट लिए, सुपर-8 टीमों में सबसे ज्यादा
भारत ने टूर्नामेंट में सबसे कम 12 खिलाड़ी ट्राय किए, इनमें 7 गेंदबाज रहे। इन्हीं गेंदबाजों ने 8 मैच में भारत के लिए 64 विकेट झटके, यानी हर मैच में 8 विकेट। हर मैच में औसत विकेट के मामले में हमारे बॉलर्स टॉप पर रहे।
रनर-अप साउथ अफ्रीका के गेंदबाजों ने 65 विकेट लिए, लेकिन टीम ने भारत से एक मैच ज्यादा खेला। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत का एक मैच बारिश में बेनतीजा रहा। दोनों टीमों के गेंदबाजों ने टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लिए, यही कारण रहा कि दोनों के बीच फाइनल हुआ। हालांकि, हर मैच में विकेट लेने के मामले में भारतीय गेंदबाज आगे रहे, इसी कारण वह टीम को चैंपियन बना सके।
3 टीमों को ऑलआउट किया
भारत ने फील्डिंग में भी जान लगाई। इसके दम पर टीम ने 8 में से 3 विपक्षी टीमों को ऑलआउट किया। ग्रुप स्टेज में टीम आयरलैंड को ही ऑलआउट कर सकी। लेकिन सुपर-8 में भारत ने अफगानिस्तान और सेमीफाइनल में इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम को ऑलआउट किया।
पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3 अहम मुकाबलों में भी गेंदबाजों ने ही भारत को लगभग हारे हुए मैच में वापसी दिलाई और मैच जिताया। जानते हैं, इन 3 मैचों की भारत के कमबैक की कहानी…
- पाकिस्तान के सामने भारत 119 रन ही बना सका। 12 ओवर में पाक ने 72/2 का स्कोर बना लिया, रिजावन और फखर सेट थे। यहां हार्दिक ने फखर, बुमराह ने रिजवान को पवेलियन भेजा और पाक को बैकफुट पर धकेल दिया। पाकिस्तान 113 रन ही बना सका और भारत ने 6 रन से रोमांचक मुकाबला जीत लिया।
- ऑस्ट्रेलिया के सामने भारत ने 205 रन का स्कोर खड़ा कर दिया। कंगारुओं ने भी तेज शुरुआत की और 13 ओवर में 128/2 का स्कोर बना दिया। हेड और मैक्सवेल सेट थे, यहां कुलदीप ने मैक्सवेल, अक्षर ने स्टोयनिस और बुमराह ने हेड को चलता कर दिया। ऑस्ट्रेलिया 181 रन ही बना सका और भारत 24 रन से जीत गया।
- साउथ अफ्रीका के सामने फाइनल में भारत ने 176 रन बनाए। धीमी शुरुआत के बाद अफ्रीका से हेनरिक क्लासन सेट हो गए। उनकी पारी से अफ्रीका को एक समय 30 बॉल पर 30 रन चाहिए थे। यहां से बुमराह ने 16वें ओवर में 4 ही रन दिए और अगले ओवर में हार्दिक ने क्लासन को पवेलियन भेज दिया। अर्शदीप और बुमराह ने फिर अगले 2 ओवर में 6 ही रन दिए और हार्दिक को आखिरी ओवर में 16 रन डिफेंड करने के लिए दे दिए। उन्होंने 8 ही रन दिए और भारत 7 रन से फाइनल जीत गया।
क्रिकेट में एक कहावत है, बड़े बल्लेबाज टीम को बड़े मैच जिताते हैं, लेकिन गेंदबाज पूरा टूर्नामेंट जिताते हैं। भारतीय गेंदबाजों ने इसे सही साबित किया।
तेज गेंदबाजों ने सबसे ज्यादा विकेट निकाले
भारत ने सुपर-8 स्टेज में 3 और ग्रुप स्टेज में 4 तेज गेंदबाजों को मौका दिया। अर्शदीप सिंह, जसप्रीत बुमराह और हार्दिक पंड्या ने सभी मैच खेले। वहीं मोहम्मद सिराज को कप्तान रोहित शर्मा ने अमेरिका की पेस फ्रेंडली पिचों पर मौका दिया।
इन 4 गेंदबाजों ने मिलकर महज 6.18 की इकोनॉमी से रन खर्च किए और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 44 विकेट निकाले। यानी हमारे गेंदबाज हर 2 मैच में कुल 13 विकेट झटक रहे थे। जो 20 टीमों में सबसे ज्यादा है। भारत के बाद यहां भी साउथ अफ्रीका के ही तेज गेंदबाजों ने टूर्नामेंट में 41 विकेट लिए।
स्पिनर्स भी टॉप क्लास, अहम सेमीफाइनल जिताया
इंग्लैंड के खिलाफ भारत का सेमीफाइनल मैच गयाना में हुआ। यहां स्पिन को मददगार पिच मिली, जहां कुलदीप यादव और अक्षर पटेल ने 3-3 विकेट लिए और इंग्लैंड को बैकफुट पर धकेल दिया। भारत के स्पिनर्स ने टूर्नामेंट में 20 विकेट लिए, यानी हर 2 मैच में उन्होंने 5 विकेट निकाले। जो साउथ अफ्रीका और वेस्टइंडीज के बाद बेस्ट है।
अब टूर्नामेंट में गेंदबाजों की परफॉर्मेंस भी जान लेते हैं…
1. अर्शदीप सिंह
लगातार दूसरी बार टी-20 वर्ल्ड कप में भारत के टॉप विकेट टेकर रहे। इस बार 17 विकेट लिए। पिछले वर्ल्ड कप में 10 विकेट लिए थे। अर्शदीप इस बार थोड़ा महंगे साबित हुए, लेकिन उन्होंने 8 में से 7 मैचों में विकेट झटके। अमेरिका के खिलाफ 4 विकेट लेकर प्लेयर ऑफ द मैच बने, वहीं फाइनल में महज 20 रन देकर 2 विकेट झटक लिए।
2. जसप्रीत बुमराह
प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट जसप्रीत बुमराह ने टूर्नामेंट में 29.4 ओवर गेंदबाजी की और महज 4.17 की इकोनॉमी से रन खर्च किए। उन्होंने औसतन 8 रन और हर 12वीं गेंद पर एक विकेट लिया। फाइनल में भी उन्होंने 4 ओवर में महज 18 रन देकर 2 अहम विकेट झटक लिए। आयरलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे। इसी के साथ वह टी-20 वर्ल्ड कप इतिहास में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनने वाले पहले गेंदबाज बने।
3. हार्दिक पंड्या
फाइनल में अपनी सबसे बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले हार्दिक पंड्या ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहले ओवर में 10 रन दे दिए। उन्होंने यहां से कमबैक किया और अपने दूसरे ओवर की पहली ही गेंद पर खतरनाक हेनरिक क्लासन को पवेलियन भेज दिया। उन्होंने फिर आखिरी ओवर में 16 रन डिफेंड किए और भारत को जीत दिलाई। इससे पहले उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ 3 और अमेरिका-पाकिस्तान के खिलाफ 2-2 विकेट लिए थे।
4. कुलदीप यादव
ग्रुप स्टेज में कुलदीप एक भी मैच नहीं खेल सके, क्योंकि तब अमेरिका में मैच हुए, जहां की पिचें तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रहीं। कुलदीप को सुपर-8 से मौके मिलना शुरू हुए, उन्होंने हर मुकाबले में विकेट झटका और 4 ही मैचों में 10 विकेट अपने नाम कर लिए। सेमीफाइल में इंग्लैंड के खिलाफ तो उन्होंने महज 19 रन देकर 3 विकेट झटक लिए।
सुपर-8 स्टेज के सभी मुकाबलों में कुलदीप गेमचेंजर साबित हुए। फाइनल में वे थोड़े महंगे रहे और 4 ओवर में 45 रन दे दिए, लेकिन इससे उनका पिछले 4 मैचों का परफॉर्मेंस दब नहीं जाता। वे भारत के गेमचजेंर हैं और इस टूर्नामेंट में उन्होंने इसे साबित भी किया।
5. अक्षर पटेल
कुलदीप की तरह अक्षर भी सुपर-8 स्टेज में अपनी बॉलिंग से भारत के लिए चमके। उनकी तो बैटिंग भी कमाल रही, ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बाउंड्री पर उनका कैच तो कौन ही भूल सकता है। जिसने मिचेल मार्श का विकेट लिया और भारत की मैच में वापसी कराई। अक्षर भी अर्शदीप की तरह थोड़े महंगे साबित हुए, लेकिन उन्हीं की तरह अक्षर ने भी 8 में से 7 मैचों में विकेट झटके।
अक्षर फाइनल में भी महंगे रहे, लेकिन उन्होंने ट्रिस्टन स्टब्स को बोल्ड कर भारत को तीसरी सफलता दिलाई। सेमीफाइनल में तो उन्होंने इंग्लिश कप्तान जोस बटलर, जॉनी बेयरस्टो और मोईन अली को 8 ओवर के अंदर ही पवेलियन भेज दिया। इस प्रदर्शन के लिए वे प्लेयर ऑफ द सेमीफाइनल भी बने।
अब उन 2 गेंदबाजों की परफॉर्मेंस, जिनके हाथ विकेट भले ज्यादा न लगे हों, लेकिन जब भी जरूरत पड़ी, उन्होंने अपनी अहमियत दिखाई…
1. रवींद्र जडेजा
विराट कोहली और रोहित शर्मा की तरह 35 साल के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने भी टी-20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया। उन्हें टूर्नामेंट में इकलौता विकेट अफगानिस्तान के खिलाफ मिला। साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वे 1-1 ओवर ही गेंदबाजी कर सके। लेकिन सेमीफाइनल में उन्होंने 3 ओवर में महज 16 रन दिए। इसके अलावा बांग्लादेश, आयरलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ भी बेहद कसी हुई गेंदबाजी कर विपक्षी बैटर्स पर दबाव बनाए रखा।
2. मोहम्मद सिराज
सिराज को ग्रुप स्टेज के 3 मैचों में मौका मिला, उनकी जगह ही सुपर-8 स्टेज में कुलदीप को मौका मिला। सिराज ने अपना किरदार बखूबी निभाया और शुरुआती 3 मैचों में महज 5.18 की इकोनॉमी से रन खर्च कर एक विकेट झटका। आयरलैंड के खिलाफ उन्होंने 3 ओवर में 13, पाकिस्तान के खिलाफ 4 ओवर में 19 और अमेरिका के खिलाफ 4 ओवर में महज 25 रन दिए।
ग्राफिक्स: अंकित पाठक
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