पुलिस को हिसार शहर में ऐसे घूमते मिली थी जबलपुर की महिला
जबलपुर की एक महिला बीते एक साल से हरियाणा के हिसार स्थित एक मंदबुद्धि आश्रम में है, पूछताछ के दौरान महिला ने बताया कि वह गढ़ा क्षेत्र की रहने वाली है। आश्रम संचालक ने हिसार पुलिस की मदद से जबलपुर पुलिस और महिला के परिजनों को सूचना दी पर कोई नहीं आया।
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एक साल पहले हिसार के फुटपाथ पर कुछ तरह की हालत में मिली थी महिला।
एक साल पहले सड़कों पर घूमते मिली थी महिला
जानकारी के मुताबिक अक्टूबर 2023 में महिला हिसार जिले के रानी दुर्गावती मार्ग के पास सड़क पर घूमते हुए पुलिस को मिली, इसके बाद भाग्यश्री आश्रम की मदद से महिला का रेस्क्यू किया गया और फिर साथ में ले आए। इस दौरान महिला मानसिक रूप से बहुत ज्यादा डिस्टर्ब थी और जरा-जरा सी बात पर उत्तेजित हो रही थी। जबलपुर निवासी महिला एक साल से आश्रम में ही है। संचालिका बाला वर्मा ने बताया कि जिस दौरान उसे लाया गया था, वह बार-बार एक ही बात कह रही थी कि उस पर काला जादू किया गया है, इसलिए वह घर से निकली है। महिला यह भी कह रही थी कि उसे भारत भ्रमण करना है। आश्रम में रखने के दौरान उसकी रोजमर्रा की जरूरत के साथ-साथ इलाज भी किया गया। पूछताछ में महिला ने बताया कि उसके पति का नाम अभिषेक मुखर्जी है जो कि गढ़ा में रहते है।
वर्तमान में महिला काफी हद तक ठीक हो गई है, यहां पर उसका इलाज करवाया गया।
बाला वर्मा ने बताया कि महिला से जब पूछताछ की गई तो उसने बताया कि चार माह पहले जुलाई 2023 में घर छोड़ दिया था, घूमते-घूमते यहां तक पहुंच गई। समीक्षा मुखर्जी अब काफी हद तक ठीक हो गई है, उसका मन करता है तो काम भी करती है पर अधिकतर समय अकेले बैठी रहती है और अपने आप से बात करने के दौरान एक ही बात कहती है कि मुझे बच्चों के पास जाना है। आश्रम संचालिका का कहना है कि जब कभी उसका मूड ठीक रहता है तो खुद से मेरे पास आती है और अपना पता जबलपुर गढ़ा का बताते हुए कहती है कि उसके पति का नाम अभिषेक मुखर्जी ये लोग दो भाई हैं और दूसरे का नाम अभिजीत मुखर्जी है। समीक्षा ने बाला वर्मा से बात करने के दौरान कई बार बातों-बातों में फर्राटेदार अंग्रेजी भी बोली है, हालांकि शुरू में वह सामान्य बातचीत करती थी पर आश्रम में उपचार हुआ और धीरे-धीरे अब उसकी हालत में काफी सुधार हुआ है। महिला का कहना है कि उसकी एक बहन इंदौर कृषि विश्वविद्यालय के हॉर्टिकल्चर विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर है. जिनका नाम महिला दीक्षा टेंबरे है। आश्रम संचालिका ने जब फोन के माध्यम से बात की तो उनका कहना था कि ये बार-बार इस तरह की हरकत करती है, हम कहां तक इसका ध्यान रखेंगे। वहीं महिला के पति अभिषेक मुखर्जी से भी बात करने की कोशिश की पर संपर्क नहीं हो पाया।
आश्रम संचालिका बाला वर्मा ने बताया कि जब यहां पर आई थी तब हालत बहुत खराब थी।
कभी भागना-कभी मुंह पर कालिख लगा लेती
बाला वर्मा का कहना है कि जिस दौरान महिला को लाया गया था, वह मानसिक रूप से बहुत ज्यादा विक्षिप्त थी। जरा-जरा सी बात पर गुस्सा हो जाती थी। सामान फेंकना, इस तरह की हरकत करती थी। आश्रम में इलाज किया गया, दवाइयां दी और अब वह काफी हद तक ठीक भी हो गई है। जब कभी उसका मन ठीक होता तो एक ही बात कहती कि मेरा घर जबलपुर में है, मेरे पति-बच्चे है, मुझे घर जाना है। जब कभी उसे गुस्सा आता है तो अजीब-अजीब बात करना, मुंह पर कालिख लगा लेना, जूतों को सिर पर उठा लेना, आश्रम में छिप जाना जैसी हरकत करती है।
जबलपुर की ये महिला अब अपने पति और बच्चों के पास आना चाहती है।
मेरे बहुत लोग हरियाणा के हिसार में है
जब एक साल पहले समीक्षा मुखर्जी पुलिस को मिली थी, उस दौरान वह फुटपाथ और सड़क पर घूमती रही रही थी। इसके बाद महिला को भाग्यश्री आश्रम में लाया गया। पूछताछ में उसने बताया था कि उसे हरियाणा और पंजाब में रहना है, उसके यहां बहुत लोग पहचान के है। आश्रम संचालिका का कहना है कि समीक्षा को लेकर कई बार जबलपुर पुलिस से संपर्क किया, कुछ अधिकारियों से बात भी हुई पर सामने से जवाब आता कि हम पता कर रहे है कि गढ़ा में महिला कहां रहती थी और जिस अभिषेक मुखर्जी का नाम बता रही है, उससे पूछताछ करेंगे है।
पुलिस टीम को भेजा जाएगा
हमारी जानकारी में यह मामला नहीं है, महिला अगर गढ़ा में रहना बता रही है तो पुलिस टीम को मौके पर भेजकर पता लगाया जाएगा कि जिस नाम के व्यक्ति को वह अपना पति बता रही है, वह क्यों उसे लेने नहीं जा रहा है।
देवेन्द्र प्रताप सिंह, जबलपुर सीएसपी