शहर में आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्तियों की आवंटन दरों में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। संस्थागत उपयोग के अंतर्गत कॉर्पोरेट ऑफिस और व्यवसायिक संपत्तियों की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया है। यह निर्णय शुक्रवार को लखनऊ में
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लखनऊ में प्रदेश के मुख्य सचिव एवं नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि आवासीय भूखंड की श्रेणी ए, बी औ सी में करीब 17500 वर्ग मीटर जमीन के तहत करीब 50 भूखंड खाली पड़े हुए हैं। अब नए रेट लागू होने पर इन भूखंड को प्राधिकरण बेचेगा। औद्योगिक व संस्थागत संपत्तियों के हिसाब से शहर को तीन वर्ग में बांटा हुआ है।
नोएडा प्रवेश द्वार।
आवासीय दरों में 6 प्रतिशत का इजाफा
जहां तक आवासीय भूखंड का सवाल है। शहर को ए+ से ई तक छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जबकि ए+ (सेक्टर 14ए, 15ए, और 44ए और बी) में भूमि आवंटन दर सबसे अधिक है और ई में सबसे कम है।
प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ए से ई श्रेणी के सेक्टर के लिए प्रचलित दरों में 6% की वृद्धि की है। हालांकि, श्रेणी ए+ आवासीय भूखंड की दर 1.75 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर पर ही रहेगी।
ए श्रेणी के सेक्टरों (14, 17, 19, 30, 35, 36, 39, 44, 47, 50, 51, 52, 93, 93ए और 93बी) में भूखंड की दर 1.18 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर से बढ़ा दी गई है। 1.25 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर।
बी, सी, डी और ई के लिए दरें 82,420 रुपए से 45,380 रुपए से बढ़ाकर 87,370 रुपए से 48,110 रुपए तक कर दी गई हैं। आवासीय भूखंड के लिए प्राधिकरण ने पाया कि ई-नीलामी में बोलियां अधिकतर रिजर्व प्राइस से 30% अधिक होती हैं। जिसमें उपलब्ध भूखंड की तुलना में आवेदनों की संख्या काफी अधिक होती है।
आवासीय भूखंड की नई आवंटन दरें
श्रेणी | पुरानी दरें | नई दरें |
ए प्लस | 175000 | 175000 |
ए | 118240 | 125340 |
बी | 82420 | 87370 |
सी | 60020 | 63620 |
डी | 50170 | 53180 |
ई | 45380 | 48110 |
नोट-ये दरें रुपए प्रति वर्ग मीटर में हैं। |
6 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद ग्रुप हाउसिंग कई दर
ग्रुप हाउसिंग संपत्तियों को भी ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किया जाता है। जिसमें भूखंड के स्थान और बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन की बोली लगाई जाती है। इस उद्देश्य के लिए, शहर को पांच में वर्गीकृत किया गया है।
ए से ई तक आवंटन दर 1.03 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर से 65,250 प्रति वर्गमीटर तक हैं। उन्हें बढ़ाकर 1.09 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर से 69,170 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है।
श्रमिक कुंज और ईडब्ल्यूएस आवासीय भवनों की दरें 10,140 रुपए प्रति वर्गमीटर पर ही रहेंगी। फेस वन, फेज टू और फेस तीन के अलावा आईटी-आईटीईएस एवं डेटा सेंटर उपयोग की परिसंपत्तियां की आवंटन दरों में भी 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है।
बीते सालों में व्यवसायिक संपत्तियों के बेहद कम खरीदार आए हैं। इसको देखते हुए इस संपत्ति की आवंटन दरें यथावत रखी गई हैं।
औद्योगिक भूखंड की दर में इजाफा
औद्योगिक भूखंड आवंटन के लिए शहर को तीन फेज में बांटा गया है। फेज-1 में सेक्टर 1 से 11, 16 और 16ए आते हैं। दूसरे फेज में सेक्टर- 80, 140, 150 और 160 के दशक के औद्योगिक क्षेत्र आते हैं, जबकि तीसरे फेज में कई सेक्टर है।
यहां मौजूदा दरें अधिकतम 44,800 रुपए और न्यूनतम 16,020 रुपए प्रति वर्गमीटर से बढ़कर 47,490 रुपए – 16,990 रुपए प्रति वर्गमीटर हो गई हैं।
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण का प्रशासनिक खंड कार्यालय।
इन एजेंडा पर भी लगी मुहर
- बैठक की शुरुआत अमिताभ कांत की सिफारिश से हुई। प्राधिकरण ने बताया कि नोएडा में 57 बिल्डर परियोजनाओं में 27 ने सिफारिश का लाभ लिया। ये कुल डवलपर्स का 47 प्रतिशत है। इसमें से 22 बिल्डर की ओर से 25 प्रतिशत धनराशि 276.76 करोड़ रुपए जमा कराई। एक साल में शेष 75 प्रतिशत राशि यानी 830 करोड़ रुपए प्राधिकरण में और जमा होंगे। इससे 3000 होम बायर्स की रजिस्ट्री हो सकेगी। वर्तमान में 1075 बायर्स की रजिस्ट्री हुई है।
- प्राधिकरण में करीब 25 आवंटी ऐसे है। जिन्होंने प्लाट आवंटन के 12 साल बाद भी उस पर निर्माण नहीं किया। ऐसे आवंटी को राहत देते हुए 12 साल के बाद आवंटन दर का 10 प्रतिशत जमा करके निर्माण के टाइम एक्सटेंशन लिया जा सकता है। लेकिन उसके लिए आवंटी को 3 महीने के अंदर आवेदन करना होगा। इसके अलावा किसानों को जमीन अधिग्रहण के सापेक्ष 5 प्रतिशत आवासीय भूखंड पर भवन निर्माण के लिए 2 साल की समय सीमा के बाद अतिरिक्त 3 साल टाइम एक्सटेंशन दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें प्राधिकरण में आवेदन करना होगा। ये टाइम एक्सटेंशन निशुल्क होगा।
- नोएडा के सेक्टर-151ए गोल्फ कोर्स की सदस्यता के लिए अब आवेदन किए जा सकेंगे। वर्तमान में 1000 लोग इसके सदस्य है। काफी दिनों से इसकी सदस्यता को दोबारा से खोलने पर विचार किया जा रहा था। प्राधिकरण बोर्ड ने इस पर सहमति दे दी है। इसके अलावा सेक्टर-91 के बायोडायवर्सिटी पार्क के कुछ हिस्से में हिरण पार्क विकसित किया जाएगा। वहीं स्पोर्ट्स कंप्लैक्स को आगामी बोर्ड में शामिल किया जाएगा।