बैतूल के कोलगांव में विवाहिता की मौत का मामला: अंत्येष्टि रोककर पुलिस ने करवाया पीएम; मायके पक्ष ने लगाया था प्रताड़ना का आरोप – Betul News


22 साल पहले ग्वालियर से बैतूल के कोलगांव में ब्याही गई एक विवाहिता की मौत को संदिग्ध बताते हुए परिजनों ने ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना का आराेप लगाया। इसके बाद शुक्रवार को पुलिस ने मृतिका की अंत्येष्टि रोककर शव कब्जे में ले लिया था। जिसका आज डॉक्टर के पै

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जानकारी के अनुसार शुक्रवार को बैतूल के कोलगांव में एक विवाहिता की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। उसे इलाज के लिए एक निजी अस्पताल से जिला अस्पताल लाया गया था। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। परिजन उसे घर ले गए। लेकिन, शिकायत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।

22 साल पहले प्रतिभा की नंदू वाघमोडे से शादी हुई थी।

बैतूल बाजार टीआई अंजना धुर्वे ने बताया कि प्रतिभा पति नंदू वाघमोडे (35) की तबीयत बिगड़ने के बाद परिजन उसे एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे थे। लेकिन, उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ। उसे जिला अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पति और परिजन उसे घर ले गए थे। वे मृतिका का पीएम नहीं करवाना चाहते थे।

लेकिन, इसी बीच ग्वालियर में रहने वाले मृतिका के मायके पक्ष ने उसकी संदिग्ध मौत बताते हुए जांच की मांग की। जिसकी वजह से पुलिस टीम गांव भेजकर मृतिका की अंत्येष्टि को रोककर शव वापस जिला अस्पताल बुलवाया। जहां आज उसका पीएम करवाकर जांच शुरू की गई है।

पिता की मौत पर भी नहीं गई थी मायके

मृतिका की मां सुनीता ने आरोप लगाया कि दामाद ने सात साल से बेटी को मायके नहीं आने दिया। वह बेटी से बात भी नहीं करता था। वह रात में हमसे फोन पर गाली-गलौज करता था। 15 लाख रुपए की मांग करता था। सुनीता ने आरोप लगाया कि उसकी बेटी को कोई बीमारी नहीं थी, उसे इतना प्रताड़ित किया की उसकी जान चली गई।

शादी के 6 महीने बाद की थी रुपए की डिमांड

बहन राधिका कोराते ने बताया कि शादी के 6 माह बाद ही रुपए की डिमांड शुरू हो गई थी। ससुराल पक्ष के लोग मकान बेचकर रुपए देने की बात करते थे। बहन की मौत होने पर भी लेकिन उन्होंने खबर नहीं की। हमें दूसरे के जरिए पता चला। हम अपनी बेटी से बात भी नहीं कर पाए। हमें न्याय चाहिए। राधिका ने आरोप लगाया कि उसकी बहन को दहेज के लिए मारपीट कर प्रताड़ित किया गया।

कुटंब न्यायालय में चल रहा था केस

प्रतिभा के भाई ने बताया कि प्रताड़ना के बाद हमने कुटंब न्यायालय में केस लगाया था। जहां समझौते के बाद नंदू वाघमोडे उसे ससुराल ले गया था। लेकिन, उसे अच्छे से नहीं रखा गया। उसे परेशान करने में पूरे परिवार का हाथ है।

पति बोला- आरोप बेबुनियाद

वहीं पति नंदू ने बताया कि मासिक धर्म के दौरान उसका पेट दर्द हो रहा था। मैने गांव में ही डॉक्टर को दिखाया, पर वे बोले बैतूल लेकर जाओ। इस दौरान उसकी ब्लीडिंग से मौत हो गई। सभी आरोप गलत है।



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