मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इन मदरसों में फर्जी अनुदान के जरिए सात साल में 125 करोड़ रुपए हड़प लिए गए थे। कागजों पर चल रहे इन मदरसों में शहर के गणमान्य नागरिकों, व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों के बच्चों के नाम दर्ज कर सरकारी अनुदान लिया जा रहा था।
By Anurag Mishra
Publish Date: Wed, 31 Jul 2024 08:26:28 PM (IST)
Updated Date: Wed, 31 Jul 2024 08:26:28 PM (IST)
HighLights
- श्योपुर जिले में 56 फर्जी मदरसों की मान्यता रद्द।
- 25 करोड़ रुपए का फर्जी अनुदान का हुआ घोटाला।
- सरकारी अनुदान के लिए फर्जी छात्रों के नाम दर्ज थे।
सुरेश वैष्णव, नईदुनिया श्योपुर। मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में 56 मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है। इन मदरसों में अनुदान का फर्जी खेल चल रहा है, जिसके जरिए सरकार से सात साल में 125 करोड़ रुपए ऐंठ लिए थे।
आपको बता दें कि यह 56 मदरसे कागजों पर ही चल रहा था। इस भ्रष्टाचार के नेटवर्क में शहर के गणमान्य नागरिकों, व्यापारी वर्ग और जनप्रतिनिधियों के बच्चों का इस्तेमाल किया गया। इनके नाम विद्यार्थी के रूप में दर्ज कर सरकारी अनुदान हड़पा है। इन मदरसों में जिन बच्चों के नाम छात्र बनाकर दर्ज किया है, उनमें कोई विदेश में है, तो कोई बड़े पद पर नौकरी कर रहा है। किसी की तो बहुत पहले ही मौत हो चुकी है।
56 मदरसों में 9,132 में से 650 हिंदू बच्चों के नाम दर्ज मिले हैं। शहर के डॉ देवेंद्र शर्मा के दोनों पुत्र विपिन शर्मा और यमन शर्मा के अलावा पुत्री मनीषा शर्मा को भी मदरसे में छात्र के रूप में दर्शाया है। उनके नाम पर सरकार से अनुदान लिया जा रहा था। चौंकाने वाली बात यह है कि विपिन शर्मा बैंक ऑफ बड़ौदा की ग्वालियर शाखा में अधिकारी हैं।
भाजपा युवा मोर्चा के नेता मदरसे में विद्यार्थी
जिला पंचायत कार्यालय में खाद्यान्न प्रभारी का कार्य देख रहे प्रमोद गुप्ता के दोनों बच्चों को मदरसे में छात्र दिखाया है। भाजपा के युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष सौरभ भार्गव का नाम भी मदरसे में बतौर विद्यार्थी दर्ज किया है। इसी तरह मदरसे में छात्र दर्शाए गए गौरव गोयल उत्तर प्रदेश के जालौन में शासकीय शिक्षक हैं। सत्येंद्र उपाध्याय सीहोर जिले में शिक्षक हैं।
भाजपा नेता की मृतक बेटी को भी नहीं छोड़ा
शहर के प्रसिद्ध व्यवसायी स्वर्गीय प्रेम पटेल के मृतक बेटे रजनीश पटेल और नगर के भाजपा नेता बद्रीप्रसाद राठौर की मृतक बेटी रेखा राठौर भी मदरसे में अध्ययनरत दर्शाए गए। एक महाविद्यालय में प्राचार्य रहे डॉ एसडी राठौर के पुत्र डॉ गोविंद राठौर यूक्रेन में चिकित्सक थे। यूक्रेन संकट के दौरान भारत सरकार की सहायता से भारत लाए गए अनीता राठौर के नाम भी मदरसे में दर्ज है।
सर्राफा व्यवसायियों के बच्चों के नाम मदरसों में दर्ज
नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अग्रवाल समाज के पूर्व अध्यक्ष, शहर के प्रतिष्ठित सर्राफा व्यवसायियों के बच्चों के नाम भी मदरसों में दर्ज हैं। शहर काजी अतीकउल्लाह कुरैशी की पोती मदरसे में अध्ययनरत दर्शाई गई, जबकि वह विदेश जाने की तैयारी में थी। वह प्रसूता होने के चलते अभी भारत में ही है। एक ही गांव में एक ही नाम से कई मदरसे अलग-अलग पतों पर संचालित पाए गए। इन मदरसों में 100 लेकर 350 तक बच्चे दर्ज हैं।
56 मदरसों की मान्यता की निरस्त
रविंद्र सिंह तोमर, जिला शिक्षा, श्योपुर ने कहा कि मदरसों के संचालन में गड़बड़ी पाए जाने पर मदरसा बोर्ड ने जिले के 56 मदरसों की मान्यता निरस्त कर दी है। शासन स्तर से मिले निर्देशों के आधार पर मदरसा संचालकों पर कार्रवाई की जाएगी। मदरसों में पढ़ने वाले वास्तविक बच्चों को चिह्नित कर उनका नजदीकी स्कूल में दाखिल कराया जाएगा।