मदर्स डे: ‘बिल्ला नंबर-321’ बनी मिसाल: ‘जिम्मेदारियों का बोझ ज्यादा’, हौसले से एक मां ने पुरुषों के जॉब में जमाई धाक – Gwalior News


ग्वालियर4 मिनट पहले

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ग्वालियर स्टेशन पर एक मां कुली बनकर बच्चों को परवरिश देने यात्रियों का सामान उठाते हुए।

ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर जब ट्रेन से उतरकर मुसाफिर कुली कहते हुए आवाज लगाते हैं तो पुरुषों के बीच एक महिला भी दौड़ी चली आती है। उसे देखकर लोगों को हैरानी होती है, लेकिन यह महिला कुली या फिर कहें बिल्ला नंबर 321 किरण कुशवाह मेहनत और संघर्ष के दम पर अपनी पहचान बना चुकी है। ऐसा काम जिसमें 24 घंटे कड़ी मेहनत लगती है और लोगों का बोझ उठाना पड़ता है।

अभी तक कुली का काम पुरुष प्रधान माना जाता है, लेकिन कुली



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