
MP PSC 2019 की प्रिलिम्स से संबंधित 6 याचिकाएं कोर्ट में दाखिल की गयी हैं.
जबलपुर : हाईकोर्ट ने कहा है अगर राज्य सरकार और MP-PSC मामले पर जवाब नहीं देते हैं तो वो 2019 PSC की पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सकती है.
जबलपुर.मध्यप्रदेश में साल 2019 की PSC प्रिलिम्स परीक्षा के मामले में जवाब ना देने पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और MP-PSC को फटकार लगाई है.जबलपुर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार और MP-PSC को जवाब देने के लिए 22 फरवरी तक का आखिरी मौका दिया है.हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर राज्य सरकार और MP-PSC मामले पर जवाब नहीं देते हैं तो वो 2019 PSC की पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाई जा सकती है.
हाईकोर्ट ने साफ किया है कि PSC की मुख्य परीक्षा से पहले प्रारंभिक परीक्षा को चुनौती देने वाली याचिकाओं का निराकरण कर दिया जाएगा. इसके लिए राज्य सरकार और पीएससी को 22 फरवरी तक अपना जवाब पेश करना होगा.
आरक्षण नियम की अनदेखी का आरोप
हाईकोर्ट में दायर की गई 6 याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि MP-PSC 2019 की प्रिलिम्स यानि प्रारंभिक परीक्षा में आरक्षण नियमों का पालन नहीं किया गया है.परीक्षाओं में एसटी वर्ग को 20 प्रतिशत, SC को 16 प्रतिशत,OBC को 27 प्रतिशत, ईडब्लूएस को 10 प्रतिशत जबकि अनारक्षित वर्ग को 40 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया है. जिससे आरक्षण का कुल प्रतिशत 113 फीसदी हो गया है.
22 फरवरी तक मोहलत
मामले की पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने PSC 2019 की भर्ती प्रक्रिया को अपने अंतिम निर्णय के अधीन कर लिया था. अब हाईकोर्ट ने मुख्य परीक्षा से पहले मामले का निराकरण करने के लिए कहा है. इसके लिए राज्य सरकार और MP-PSC को जवाब देने की अंतिम मोहलत दी है. जबलपुर हाईकोर्ट में इस मामले पर अगली सुनवाई 22 फरवरी को की जाएगी.
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