नई दिल्ली. iPhone बनाम Android का बहस कभी खत्म नहीं होने वाला है. दोनों के बीच लगातार खुद को बेहतर साबित करने की होड़ है. एक तरफ एंड्राइड स्मार्टफोन को हर वर्ग और कैटेगरी को ध्यान में रखकर किफायती कीमत में फोन उपलब्ध कराता है, तो दूसरी तरफ आईफोन अपने यूजर्स को आए दिन इनोवेटिव और शानदार फीचर, सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर उपलब्ध कराने पर फोकस करता है.
हालांकि, iPhone और Android दोनों ही खास फीचर्स के साथ मार्केट में अपनी जगह बनाई है, लेकिन तुलना करें तो iPhone के कई ऐसे कई फीचर्स हैं, जो आपको किसी एंड्राइड बेस्ड स्मार्टफोन में नहीं मिलेंगे.
आइए जानते हैं iPhone के उन 5 शानदार फीचर्स के बारे में जो उसे Android से अलग बनाते हैं-
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- इसी साल iPhone ने अपने फीचर में एक नया नियम जोड़ा है, जिससे सभी iPhone ऐप के लिए डेटा स्टोरेज और यूजेज की जानकारी देना अनिवार्य हो गया है. यानी की iPhone App यूजर से किस डेटा को एक्सेस करते हैं और यह डेटा का कहां इस्तेमाल किया जा रहा है. स्टोरेज कहां होता है. इस सबकी जानकारी रखतता है. यह यूजर प्राइवेसी के लिए काफी महत्वपूर्ण है. दूसरी तरफ, एंड्राइड ऐप भी किस डेटा को एक्सेस कर रहे हैं, इसकी जानकारी उपलब्ध कराते हैं, लेकिन इस डेटा किस तरह स्टोर और विज्ञापन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. फिलहाल इसकी जानकारी नहीं उपलब्ध कराई जा रही है.
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- iPhone अपने यूजर को काफी सुरक्षित ऐप उपलब्ध कराता है. इसके लिए कंपनी ने काफी सख्त नियम बनाए हैं. हालांकि, एंड्राइड स्मार्टफोन में भी क्लोन ऐप, और क्लिकबेट ऐप मिल जाते हैं. आईफोन के Apple App पर फर्जी ऐप आपको नहीं मिलेंगे. हालांकि एंड्रायड भी इस पर काफी नियम सख्त कर रहा है.
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- Apple ने ऐप डेवलपर्स के लिए बेहद मामूली जानकारी के जरिए ऐप रन करने की पॉलिसी लागू की है, जो ऐप के रन होने के लिए बहुत ही जरूरी है. ऐसे में ज्यादातर ऐप मीडिया फाइल, कॉन्टैक्ट बुक परमिशन को एक्सेस कर रहे हैं. फिलहाल एंड्रायड में आपको ये सारी सुविधाएं नहीं मिलेंगी.
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- अगर कोई आईफोन के iOS ऐप पर सीक्रेट तरीके से माइक और कैमरे को एक्सेस कर रहा है, तो आपको पता चल जाएगा. iPhone येलो और ग्रीन डॉट के जरिए आपको नोटिफिकेशन देगा. जो कि एंड्रायड में नहीं है.
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- हाल ही में Apple की तरफ से एक खास प्राइवेसी फीचर अपडेट दिया गया है. Apple ने नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत iOS 14.5 में एक नियम जोड़ा है, जिसमें सभी ऐप डेवलपर्स को यूजर डेटा को विज्ञापन के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी लेने को अनिवार्य कर दिया गया है. यानी कोई भी ऐप आपकी एक्टिविटी को ऑनलाइन ट्रैक नहीं कर सकेगा. इसके लिए ऐप को यूजर की परमिशन लेनी होगी.