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बच्चे से हुई ऋषभ पंत की तुलना, दिग्गज खिलाड़ी बोला-विकेटकीपिंग की तकनीक खराब

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बच्चे से हुई ऋषभ पंत की तुलना, दिग्गज खिलाड़ी बोला

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नई दिल्ली. भारत के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर सैयद किरमानी ने Rishabh Pant को बल्लेबाज के तौर पर ‘प्रतिभा का खजाना’ करार दिया, लेकिन विकेटकीपर के तौर पर इस खिलाड़ी की तुलना ‘पालने (झूला)’ के बच्चे से की. ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम को श्रृंखला जिताने में नायक रहे पंत की बल्लेबाजी की अकसर तारीफ होती है जबकि विकेट के पीछे के उनके प्रदर्शन की आलोचना होती है. किरमानी ने कहा, ‘ ऋषभ पंत प्रतिभा का एक खजाना है, वह बड़े शॉट खेलने वाला बल्लेबाज है. लेकिन विकेटकीपर के तौर पर उसे बहुत कुछ सीखना है. उसे यह भी सीखना होगा कि कब बड़ा शॉट लगाना है, जैसा कि उसने ऑस्ट्रेलिया में किया था.’

पंत को विकेट कीपिंग के कुछ नुस्खे देते हुए, किरमानी ने कहा, ‘उन्हें (पंत) विकेट कीपिंग में बुनियादी सही तकनीक की जरूरत है, जो उनके पास नहीं है. एक कीपर की क्षमता का अंदाजा तभी लगाया जाता है जब वह स्टंप्स के पास खड़ा होता है.’ उन्होंने कहा, ‘ वह दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों के खिलाफ अच्छा विकेटकीपिंग कर सकता है क्योंकि आपके पास पर्याप्त समय है जहां आप स्विंग और गेंद का उछाल देखकर उस मुताबिक अनुमान लगा सकते हैं.’

उम्मीद जतायी कि वह इसे सीखेंगे क्योंकि अभी काफी युवा है

भारत के लिए 1976 से 1986 के बीच 88 टेस्ट और 49 एकदिवसीय खेलने वाले किरमानी ने कहा कि बल्लेबाज के तौर पर पंत को परिस्थितियों के हिसाब से खेलना होगा. उन्होंने उम्मीद जतायी कि वह इसे सीखेंगे क्योंकि अभी काफी युवा है. उन्होंने कहा, ‘ब्रिसबेन में उसने काफी संतुलित पारी खेली जिससे हम पहली बार वहां जीत दर्ज कर सके. ऐसे कई मौके थे जब पंत भारत को जीत दिला सकते थे लेकिन उन्होंने अपना विकेट गंवा दिया. किरमानी ने माना कि इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की शुरुआती पारी में भी पंत ने गलत समय अपना विकेट गंवा दिया. पंत ने इस पारी में 88 गेंद में 91 रन बनाये थे. इस मैच का इंग्लैंड ने 227 रन से अपने नाम किया.

किरमानी ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया में उनकी बल्लेबाजी की तारीफ की

उन्होने कहा, ‘यहां भी यही हुआ, जब कोई बल्लेबाज 80 रन के करीब पहुंचता है तो उसकी कोशिश शतक पूरा करने की होती है, इसके लिए आपको जोखिम लेने से बचना होता है. आप यह नहीं कह सकते कि शॉट खेलना आपका नैसर्गिक खेल है, आपको परिस्थितियों के मुताबिक खेलना होता है.’ किरमानी ने हालांकि ऑस्ट्रेलिया में उनकी बल्लेबाजी की तारीफ की. जहां सिडनी में उनकी 97 रन की पारी से भारत मैच ड्रा कराने में सफल रहा और ब्रिसबेन में उनकी नाबाद 89 रन की पारी से मैच और श्रृंखला जीतने में सफल रहा. उन्होंने कहा, ‘ मुझे ऑस्ट्रेलिया में उसका खेल पसंद आया, वह संतुलित था. जहां रक्षात्मक खेल की जरूरत थी वहां उसने रक्षात्मक खेला और जहां आक्रामक खेल की जरूरत थी वहां वह खुल कर खेला. उसे हर पारी को ऐसे ही खेलना होगा, जो अनुभव के साथ आयेगा. वह सीख रहा है और अभी युवा है.’

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