चेन्नई. भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट में चेपॉक की पिच (Chepauk) को लेकर हो रही बातों को तूल नहीं देते हुए इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाजी सलाहकार जीतन पटेल (Jeetan Patel) ने सोमवार को कहा कि हर किसी को पता था कि उपमहाद्वीप की पिचें स्पिन गेंदबाजी की मददगार होंगी. शेन वॉर्न (Shane Warne) और माइकल वॉन (Michael Vaughan) के बीच इस पिच को लेकर सोशल मीडिया पर बहस हुई थी जबकि इंग्लैंड के सहायक कोच ग्राहम थोर्प ने इसे चुनौतीपूर्ण करार दिया था.
जीतन पटेल ने तीसरे दिन के खेल (India vs England) के बाद कहा, ”श्रीलंका में पहले टेस्ट में पहले ही दिन से गेंद स्पिन ले रही थी. हमें एक ईकाई के रूप में पता था कि उपमहाद्वीप में विकेट स्पिनरों की मददगार होती है. बाहर वालों के लिए यह नई बात होगी.” उन्होंने कहा, ”यहां गेंद जल्दी नरम पड़ जाती है और ज्यादा सीम नहीं लेती. उपमहाद्वीप में ऐसा होता है. इंग्लैंड या अन्य जगहों पर गेंद सीम लेती है.”
जीत के लिए 482 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड ने तीन विकेट 53 रन पर गंवा दिए. आर अश्विन (Ravichandran Ashwin) ने शतक और विराट कोहली (Virat Kohli) ने अर्धशतक बनाया. पटेल ने कहा, ”अश्विन और कोहली ने शानदार बल्लेबाजी की. भारतीय टीम काफी मजबूत स्थिति में है और हमें काफी मेहनत करनी होगी.” उन्होंने कहा, ”हमें सकारात्मक खेल दिखाना होगा. हमारे पास स्ट्रोक खेलने वाले बल्लेबाज हैं और हम चाहते हैं कि वे अपना स्वाभाविक खेल दिखाएं. यही उपमहाद्वीप में खेले तीन टेस्ट मैचों में हमारी ताकत रही है.”
वॉर्न और वॉन के बीच पिच को लेकर हुआ था ट्वीट वॉर
एक दिन पहले ही इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भी दूसरे टेस्ट की पिच को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने ट्वीट किया था कि इस टेस्ट में रोमांचक क्रिकेट देखने को मिल रहा है. हर पल कुछ न कुछ होते नजर आ रहा है. ईमानदारी से कहूं तो यह पिच वाकई चौंकाने वाली है. बगैर कोई बहाना बनाया यह कहना गलत नहीं होगा कि टीम इंडिया अच्छा क्रिकेट खेली. लेकिन इसे भी मानना होगा कि यह 5 दिन के टेस्ट मैच के लिए तैयार की गई पिच नहीं है.
वॉन के इस ट्वीट का पूर्व ऑस्ट्रेलियाई लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने जवाब दिया था. उन्होंने लिखा था कि इस मैच के मुकाबले पहले टेस्ट में टॉस जीतना ज्यादा अहम था. क्योंकि वहां पर पहले दो दिन पिच से कुछ नहीं हुआ था. उसके बाद गेंद टर्न लेना शुरू हुई. वहीं, दूसरे टेस्ट के लिए तैयार की गई पिच पर पहली गेंद से ही बॉल घूम रही है. ऐसे में मेजबान टीम को पहली पारी में भारत को 220 रन के भीतर ही ऑल आउट करना चाहिए था.