3300 CISF जवान कल से संसद की सुरक्षा संभालेंगे: परिसर से CRPF के 1400 जवान हटाए; 13 दिसंबर को सुरक्षा में चूक के चलते फैसला


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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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28 मई 2023 को नए संसद भवन का उद्घाटन हुआ था।

अब नई और पुरानी पार्लियामेंट बिल्डिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी पूरी तरह से सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) को सौंपी गई है। 20 मई से CISF के 3317 जवान संसद की सुरक्षा में तैनात रहेंगे। पिछले साल 13 मई को नए संसद भवन की सुरक्षा में चूक मामले के बाद ये फैसला लिया गया है

वहीं, संसद में तैनात रहे CRPF के पार्लियामेंट ड्यूटी ग्रुप (PDG) ने 17 मई को अपने 1400 जवानों को वापस बुला लिया है। साथ ही अपने सारे वाहन, हथियार और कमांडो भी हटा लिए हैं। CRPF के कमांडर DIG रैंक के अधिकारी ने संसद सुरक्षा से जुड़ी सारी जानकारी CISF को सौंप दी है।

सीनियर CISF ऑफिसर ने कहा कि CRPF पीडीजी, दिल्ली पुलिस के करीब 150 कर्मी और संसद सुरक्षा कर्मचारी (PSS) जो संयुक्त रूप से अब तक संसद की सुरक्षा करते थे। उन्हें भी वापस लिया गया है।

CISF के जवानों को NSG ने भी ट्रेनिंग दी न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक, CISF के 3317 जवान संसद की आतंकियों और किसी भी तरह के हमलावरों वालों से रक्षा करेंगे। पिछले 10 दिन से CISF के जवान ट्रेनिंग ले रहे थे। इन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (NSG) के ब्लैक कमांडों के साथ भी ट्रेनिंग दिलवाई गई है।

CISF जवानों को एंट्री गेट पर लोगों की चैकिंग, सामान की चैकिंग, बम का पता लगाना और डिफ्यूज करना, आतंकी हमले पर क्विक एक्शन, स्नाइपर टास्क और पब्लिक इंट्रेक्शन (लोगों के साथ पेश आना) की ट्रेनिंग दी गई है।

13 दिसंबर 2023 को नए संसद भवन की सुरक्षा में चूक के बाद पार्लियामेंट कैंपस की सिक्योरिटी के लिए CRPF के डीजी की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई थी। इसके बाद CISF की तैनाती का फैसला लिया गया।

CRPF जवानों को संसद छोड़ने का दुख, जाने से पहले सेल्फी लीं
CRPF के एक अधिकारी ने बताया कि 17 मई को संसद परिसर छोड़ते वक्त PDG जवान दुखी थे। अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बावजूद उन्हें यह ड्यूडी छोड़नी पड़ा। जवानों ने यहां से जाने से पहले देश के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंदिर संसद भवन की जिम्मेदारी से रक्षा करने की याद में फोटोज और सेल्फी लीं।

उन्होंने कहा कि साल 2001 के आतंकवादी हमले के दौरान CRPF कर्मियों ने अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर बहादुरी से आतंकियों का मुकाबला किया था। इस घटना में CRPF जवान शहीद हुए थे। कुछ को गैलेंट्री अवार्ड दिए गए थे।

CRPF ने अपने सभी जवानों को 17 मई को ही वापस बुला लिया। (फोटो X से ली गई है)

CRPF ने अपने सभी जवानों को 17 मई को ही वापस बुला लिया। (फोटो X से ली गई है)

संसद की इन जगहों पर रहेगी CISF की तैनाती
CISF के जवानों की तैनाती संसद भवन के सभी एंट्री और एग्जिट गेट, वॉच टावर पर रहेगी। इसके साथ ही डॉग स्क्वाड, फायर ब्रिगेड को तैनात किया गया है। जवानों को पास सेक्शन के साथ-साथ CCTV मॉनिटरिंग कंट्रोल रूम और कम्युनिकेशन सेंटर में तैनात किया गया है।

CISF के पुरुष और महिला जवान जो रिसेप्शन पर तैनात रहेंगे, उनकी ड्रेस अलग रहेगी। वे सफारी सूट के अलावा हल्के नीले रंग की शर्ट और ब्राउन पैंट पहने दिखेंगे।

अभी तक CRPF की PDG यूनिट संसद भवन की सुरक्षा में तैनात रहती थी।

अभी तक CRPF की PDG यूनिट संसद भवन की सुरक्षा में तैनात रहती थी।

PDG-PSS को सौंपा जा सकता है अलग जिम्मा
PDG को CRPF की वीआईपी सुरक्षा विंग की 6वीं बटालियन के साथ मर्ज किए जाने की उम्मीद है। वहीं, PSS को केंद्र सरकार के अन्य भवनों की सुरक्षा में तैनात किया जा सकता है। कुछ PSS कर्मचारियों को मार्शल ड्यूटी के लिए सदन की लॉबी का मैनेजमेंट करने के लिए रखा जा सकता है, लेकिन अंतिम निर्णय अभी लिया जाना बाकी है।

13 दिसंबर 2023 को नए संसद भवन की सुरक्षा में चूक हुई थी
13 दिसंबर 2023 को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर नए संसद भवन की विजिटर्स गैलरी से बैठे 2 युवकों ने अपने जूतों से छिपा पीला स्प्रे भवन में फैला दिया था। पूरे सदन में भगदड़ मच गई थी। ये लोग 5 लेयर की सुरक्षा तोड़कर लोकसभा में घुसे थे और हंगामा किया था।

वहीं, इनके दो अन्य साथियों को संसद के बाहर प्रदर्शन करते हुए सिक्योरिटी ने पकड़ा था। पूरी खबर पढ़ें…

13 दिसंबर 2001 को संसद पर हमला हुआ था
13 दिसंबर 2001 को संसद में विंटर सेशन चल रहा था। महिला आरक्षण बिल पर हंगामे के बाद 11:02 पर सदन को स्थगित कर दिया गया। इसके बाद उस समय के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और विपक्ष की नेता सोनिया गांधी संसद से जा चुके थे।

करीब साढ़े 11 बजे उपराष्ट्रपति के सिक्योरिटी गार्ड उनके बाहर आने का इंतजार कर रहे थे और तभी सफेद एंबेसडर में सवार 5 आतंकी गेट नंबर-12 से संसद के अंदर घुस गए। उस समय सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे हुआ करते थे।

ये सब देखकर सिक्योरिटी गार्ड ने उस एम्बेसडर कार के पीछे दौड़ लगा दी। तभी आतंकियों की कार उपराष्ट्रपति की कार से टकरा गई। घबराकर आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। आतंकियों के पास एके-47 और हैंडग्रेनेड थे, जबकि सिक्योरिटी गार्ड निहत्थे थे। पूरी खबर पढ़ें…

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