मध्य प्रदेश में 56 मदरसों की मान्यता रद्द की गई, जहां हिंदू बच्चों के नाम पर सरकारी सहायता ली जा रही थी। श्योपुर जिले के मदरसों में भारी भ्रष्टाचार उजागर हुआ, जिसमें 125 करोड़ रुपए की रिकवरी की आवश्यकता है। प्रदेश के 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे इस्लाम की तालीम ले रहे हैं, जिसे राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीरता से लिया है।
By Sandeep Chourey
Publish Date: Tue, 30 Jul 2024 10:06:29 PM (IST)
Updated Date: Wed, 31 Jul 2024 06:53:19 AM (IST)
HighLights
- मप्र के मदरसों में फर्जीवाड़े से हिंदू बच्चों का नाम।
- श्योपुर के 56 मदरसों की मान्यता समाप्त की गई।
- अभी जांच में 9427 हिंदू बच्चे मदरसों में पाए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों को तालीम दिए जाने के मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने मुख्य सचिव वीरा राणा को दिल्ली तलब किया तो उसके डेढ़ महीने बाद श्योपुर जिले के 56 मदरसों की मान्यता समाप्त की गई है।
हिंदू बच्चों के नाम पर ली सरकारी मदद
इन मदरसों में हिंदू बच्चों के नाम सरकारी मदद ली जा रही थी। यह फर्जीवाड़ा उजागर होने के बाद मंगलवार को श्योपुर के 80 में से 56 मदरसों पर यह कड़ी कार्रवाई की गई है। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने सभी जिलों में संचालित मदरसों की भौतिक सत्यापन की जांच में तेजी लाने के भी निर्देश दिए।
मदरसों में चल रहा भ्रष्टाचार का खेल
दरअसल, मप्र के मदरसों में चल रहे भ्रष्टाचार के खेल में श्योपुर जिला एक बड़ा उदाहरण है। यहां के कुछ मदरसों में ऐसे हिंदुओं के नाम पर सरकारी सहायता ली जाती रही है, जिनकी शिक्षा पूरी हो चुकी है या वे कहीं नौकरी कर रहे हैं।
- कुछ नामों में मानव गोयल का नाम मदरसा में लिखा है, लेकिन वह सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
- प्रिया मित्तल डॉक्टर हैं पर इनके नाम पर भी सरकारी खाद्यान्न लिया जा रहा है।
- ज्योत्सना गोयल भी डॉक्टर बन गई हैं, लेकिन उनका नाम भी मदरसे में शिक्षा ले रहे छात्रों की सूची में है।
मामले को दबाने में जुटी भाजपा सरकार
इन हिंदुओं के मदरसों में लिखे नाम ही बताते है कि प्रदेश स्तर पर मदरसों में बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। इस जिले में तो कई ऐसे छात्र हैं, जिनका नाम 2004 में दर्ज था, फिर 2018 और 2023 में भी उसी छात्र का नाम शामिल कर लिया गया। चौकाने वाली बात यह है कि तुष्टीकरण का विरोध करने वाली भाजपा सरकार ही इसे दबाने में जुटी रही।
125 करोड़ की होगी रिकवरी
सरकार के ही अधिकारियों की मानें तो श्योपुर के मदरसों में पल रहे भ्रष्टाचार को मॉडल मान लिया जाए और इस अकेले जिले की जांच की जाए तो मदरसों से पिछले पांच वर्ष के 125 करोड़ रुपये की रिकवरी सरकार को करना पड़ेगी।
जिला शिक्षा अधिकारी श्योपुर की रिपोर्ट के आधार पर मध्य प्रदेश मदरसा बोर्ड ने इन मदरसों की मान्यता समाप्त कर आदेश जारी कर दिए है। रिपोर्ट में बताया गया कि श्योपुर जिले में मान्यता प्राप्त मदरसों में 56 ऐसे मदरसे है, जिन्हें राज्य शासन से अनुदान प्राप्त हो रहा है।
#WATCH | Bhopal, MP: School Education Minister Uday Pratap Singh says “There are around 80 Madrasa schools in Sheopur, out of which 53-54 schools had stopped functioning for the last few months and the Govt aid to those schools were also stopped 7-8 months ago. We decided that we… pic.twitter.com/nneOALA4mS
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) July 30, 2024
1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे ले रहे तालीम
मध्य प्रदेश के 1505 मदरसों में इस्लाम की तालीम ले रहे हिंदू बच्चों की जानकारी सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सख्त अपनाया हुआ है। अब मदरसों के साथ ही मिशनरी आश्रमों और एनजीओ की जानकारी भी जुटाई जा रही है।
मध्य प्रदेश में मदरसों का हाल
- मुरैना के 68 मदरसों में 2068 हिंदू बच्चे
- भिंड के 78 मदरसों में 1812 हिंदू बच्चे
- रीवा के 111 मदरसों में 1426 हिंदू बच्चे
- मप्र में 1505 मदरसों में 9427 हिंदू बच्चे
श्योपुर जिले में 80 से ज्यादा मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें 56 मदरसों में किसी तरह की कोई शैक्षणिक गतिविधि को अंजाम नहीं दिया जा रहा है। वहां कोई छात्र नहीं है, किसी को पढ़ाया नहीं जा रहा, कई स्थानों पर तो स्कूल ही नहीं मिला। उन संस्थाओं के द्वारा अनुदान भी लिया जा रहा था। जांच के बाद उन सभी मदरसों की मान्यता समाप्त की गई है। प्रदेश के अन्य जिलों के मदरसों की भी जांच की जा रही है। – उदय प्रताप सिंह, स्कूल शिक्षा मंत्री, मप्र