Sheopur News: कूनो में बाड़े से आजाद हुए चीते… अग्नि और वायु को जंगल में छोड़ा, पर्यटकों को हो सकेंगे दीदार


कूनो नेशनल पार्क में लंबे इंतजार के बाद दो चीते, अग्नि और वायु, को जंगल में छोड़ा गया। अगले कुछ दिनों में और चीते छोड़े जा सकते हैं। पर्यटक अब सफारी के दौरान इन चीतों को देख सकेंगे। पहले भी कुछ चीतों को छोड़ा गया था, लेकिन मौत और संक्रमण के बाद उन्हें वापस लाना पड़ा था।

By Anurag Mishra

Publish Date: Wed, 04 Dec 2024 05:13:47 PM (IST)

Updated Date: Thu, 05 Dec 2024 12:05:41 AM (IST)

चीतों को कई बार कूनो के जंगलों में छोड़ा जा चुका है। (फोटो- नईदुनिया प्रतिनिधि)

HighLights

  1. अग्नि और वायु को कूनो जंगल में छोड़ा गया।
  2. कूनो में जल्द और चीते छोड़े जा सकते हैं।
  3. अग्नि और वायु चीतों में सबसे मजबूत चीते हैं।

नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। लंबे इंतजार के बाद कूनो नेशनल पार्क के बाड़े में रखे गए चीतों में से दो चीते अग्नि और वायु को बुधवार को जंगल में छोड़ दिया गया। अंतर्राष्ट्रीय चीता दिवस पर विशेषज्ञों ने जंगल में उनेक विचरण, सुरक्षा, भोजन आदि को लेकर अंतिम चर्चा के बाद यह निर्णय लिया।

बाड़े में कुल 12 चीते और 12 शावक हैं, जिसमें से एक मादा शावक मुखी पौने दो साल का होने के साथ पूर्ण वयस्क हो चुकी है। इसके साथ ही जल्दी ही जंगल में और चीते छोड़े जाने की संभावना बढ़ गई है। अगले दो-तीन दिन में दो और चीते छोड़े जा सकते हैं।

सिंह परियोजना के निदेशक उत्तम कुमार शर्मा ने बताया कि कूनो राष्ट्रीय उद्यान के पारोंद वन क्षेत्र में चीते छोड़े गए हैं। यह क्षेत्र अहेरा पर्यटन क्षेत्र का हिस्सा है। ऐसे में पर्यटकों को सफारी के दौरान चीतों को देखने का अवसर मिल सकता है।

पवन ने बार-बार लांघी कूनो की सीमाएं

कूनो नेशनल पार्क में 17 सिंतबर 2022 को नामीबिया से लाए जाने के बाद पवन चीता को सबसे पहले 21 मार्च 2023 को जंगल में छोड़ा था। बार-बार कूनो की सीमा लांघकर कभी शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क तो कभी यूपी की सीमा तक जाने के बाद उसे ट्रैंकुलाइज कर वापस लाकर बाड़े में बंद करने पड़ा था।

पिछले साल नौ चीतों को जंगल में छोड़ा

अग्नि-वायु, गौरव-शौर्य, आशा, वीरा सहित कुल नौ चीतों को जंगल में छोड़ा जा चुका है। पिछले साल जुलाई और अगस्त में कुछ चीतों की मौत व संक्रमण के मामले सामने आने के बाद सभी चीतों को वापस बाड़े में बंद कर दिया था।

बरसाती नाले में एक की डूबने से हुई थी मौत

छह माह पहले पवन व वीरा चीता का जोड़ा जंगल में छोड़ा था। वीरा के मुरैना व ग्वालियर क्षेत्र तक आकर ग्रामीणों के पशुओं के शिकार करने के बाद वापस बाड़े में ले जाना पड़ा था। पवन की बरसाती नाले में डूबकर मौत हो गई थी, जिसके बाद से ही सभी चीतों बाड़े में ही बंद थे। अग्नि और वायु उम्र में अधिक बड़े और मजबूत चीतों में से हैं, इसलिए पहले इन्हे छोड़ा है।



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