प्रशासन ने क्षेत्र में नरवाई को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी किसान नरवाई में आग लगा रहे हैं। इससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है।
By anil tomar
Publish Date: Fri, 19 Apr 2024 02:22 PM (IST)
Updated Date: Fri, 19 Apr 2024 02:22 PM (IST)
HighLights
- कलेक्टर का ओदश बेसर, प्रतिबंध के बाद भी किसान जला रहे खेतों में नरवाई।
- पिछले साल खेतों में आग लगाने वाले किसानों पर दर्ज की गई एफआइआर।
sheopur News: नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। प्रशासन ने क्षेत्र में नरवाई को जलाने पर प्रतिबंध लगाया है। इसके बाद भी किसान नरवाई में आग लगा रहे हैं। इससे कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है। गुरूवार को एसी घटना तुलसेफ गांव में सामने आई जहां किसानों द्वारा खेतों की नरवाई में लगाई गई आग घरों तक पहुंच गई। जिससे लोगों को में हड़कंप मच गया। भारतीय किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष महावीर मीणा ने फायर बिग्रेड को बुलाकर आग को बुझाया, अगर समय पर आग बुझाई नहीं जाती तो बड़ी घटना हो सकती थी।
बता दें कि, क्षेत्र में रोजाना बड़ी संख्या में किसान अपने खेतों खड़ी नरवाई में आग लगा रहे हैं। इससे गंभीर हादसा होने का भी डर लगा रहता है। पूर्व में भी कई बार क्षेत्र में नरवाई में आग लगाने से कई घटनाएं घटित हो गई है। प्रशासन ने भी क्षेत्र में नरवाई में आग लगाने पर रोक लगाई है। नरवाई को जलाने से पर्यावरण को भी भारी नुकसान होता है। गुरूवार को तुलसेफ गांव में किसान ने अपने खेत की नरवाई में लगाई थी। ये आग एक खेत से दूसरे खेत में लगते लोगों के घरों तक पहुंच गई। बड़ी मुश्किल से फायर बिग्रेड की मदद से आग को बुझाया गया। इसी सोंईकलां इलाके में कई जगह नरवाई जलते हुए देखी गई। नरवाई जलने के बाद खेत में चारा तो नष्ट हो ही गया, जली हुई नरवाई को मवेशी चरते नजर आए। गुड्डा गांव में भी कई खेतों की नरवाई में आग लग गई। किसानों ने ही अपने खेतों में आग लगाई थी। कलेक्टर ने नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया लेकिन आदेश कागजों तक सिमित है।
संबंधित थानों को दी जाए रोकने की जिम्मेदारी
कुछ किसानों ने बताया कि नरवाई में आग लगाने से पशुओं का चारा तो नष्ट होता ही है साथ ही खेतों की उर्रवकता शक्ति भी कम होती है। नरवाई जलाने वालो लोगों पर सख्ती से कार्रवाई होना चाहिए। इसके लिए जिला प्रशासन को संबंधित थानों को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए तब भी इस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। पिछले साल नरवाई जलाने वाले कई किसानों पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी, जिससे काफी अंकुश लगा था।
जलाने के बजाय अवशेष व डंठल से बना सकते हैं खाद
अवशेषों और डंठलों को एकत्र कर जैविक खाद जैसे भू-नाडेप, वर्मी कम्पोस्ट बनाने में उपयोग किया जाए तो वे बहुत जल्दी सडकऱ पोषक तत्वों से भरपूर जैविक खाद बन सकते हैं। खेत में कल्टीवेटर, रोटावेटर या *हैरो की सहायता से फसल अवशेषों को भूमि में मिलाने से आने वाली फसलों में जीवांश खाद की बचत की जा सकती है। पशुओं के लिए भूसा और खेत के लिए बहुमूल्य पोषक तत्वों की उपलब्धता बढऩे के साथ मिट्टी की संरचना को बचाया जा सकता है।
नरवाई जलाने पर भले ही प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया हो लेकिन इसका कहीं पालन नहीं हो रहा है। अाज तुलसेफ गांव में नरवाई में आग लगो से घरों तक पहुंच गई, जिसे बड़ी मुकिश्ल से फायर बिग्रेड की मदद बुझाया गया।
महावीर मीणा, पूर्व जिलाध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा