मप्र के लहचोड़ा गांव में जिस युवक को मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार और अन्य रस्में अदा कर दी गई थीं वह युवक 12 वें के दिन घर लौट आया। युवक जयपुर में काम करता था और उसके एक सड़क दुर्घटना में मौत होने की जानकारी मिली थी। युवक के जिंदा लौटने पर घर में खुशी का माहौल हो गया।
By Suresh Vaishnav
Publish Date: Mon, 10 Jun 2024 07:33:30 AM (IST)
Updated Date: Mon, 10 Jun 2024 07:33:30 AM (IST)
HighLights
- लहचौड़ा गांव के युवक की सड़क हादसे में सवाई माधोपुर में हो गई थी मौत
- स्वजन ने अंतिम संस्कार से लेकर सभी रस्म कर दी थी पूरी
- मप्र के श्योपुर जिले के लहचोड़ा गांव में अजीबोगरीब मामला
देवेंद्र गौड़, सोंईकलां, श्योपुर। जिले लहचोड़ा गांव में अजीबोगरीब मामला सामने आया है। लहचोडा निवासी सुरेंद्र शर्मा की एक्सिडेंट में मौत हो गई थी, जिसका शव स्वजन सवाईमाधोपुर से लेकर आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। जब स्वजन बारहवें की रस्म निभा रहे थे, तभी सुरेंद्र रविवार को घर वापस लौट आया जिस देखकर घर वाले और स्वजन हैरान रह गए। मां की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और बेटे को जिंदा देखकर खुशी के आंसू रोक नहीं पाई।
बता दें कि, लहचौड़ा निवासी सुरेंद्र शर्मा बाहर जयपुर मजदूरी करता था। पिछले दिनों सवाई माधोपुर के सरवाड़ गांव के थाने से फोन आया कि सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई।
घटना की जानकारी मिलने के बाद स्वजन शव की शिनाख्त करने के लिए एसएमएस अस्पताल पीएम हाउस पहुंचे, स्वजन ने मृतक की पहचान सुरेंद्र के रूप में की। जिसके बाद पुलिस ने पंचनामा बनाकर शव उनको सौंप दिया।
स्वजन शव को गांव लेकर आए और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। घर में पिछले 12 दिनों से गमगीन माहौल बना हुआ था। बैठने आने के लिए रिश्तेदरों का का आना-जाना लगा रहा था।
शनिवार की शाम अचानक सुरेंद्र शर्मा के नंबर से उसके भाई के मोबाइल पर फोन आया तो उसने चौंककर जब बात की तो बोला मैं सुरेंद्र बोल रहा हूं।
इस घरवालों को विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने वीडियो काॅल पर देखा तो वह सुरेंद्र ही था, लेकिन फिर भी घरवालाें को विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने से सुबह गांव आने के लिए कहा।
सुरेंद्र रात की वाली बस से ही जयपुर से गांव के लिए निकल आया और सुबह गांव पहुंच गया। जब घरवालाें ने उसे आंखों के सामने जिंदा देखा तो वह हैरान रह गए । सबकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। सुरेंद्र की मौत से जिस घर में दुख माहौल बना हुआ था व पलभर में खुशी में बदल गया। सुरेंद्र के जिंदा होने की खबर मिलते ही उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा हो गई।
क्रियाक्रम से ब्राह्मण भोज की रस्म निभाई
सुरेंद्र के चाचा धर्मराज शर्मा ने बताया कि जिसका शव हम लेकर आए थे उसकी शक्ल हुबहू सुरेंद्र से मिल रही थी, इसलिए हमें लगा शव सुरेंद्र का ही है। इसलिए उसे बेटा, भाई मानकर अंतिम संस्कार किया। गुजरात के पंडितों द्वारा उसका क्रियाक्रम किया गया। अंतिम संस्कार के बाद सभी रस्म की। 12वें दिन बारहवें की रसोई थी, जिसकी सभी तैयारी कर ली थी। बारहवें में शामिल होने के लिए मेहमान आ गए थे।
स्वजन ने इसलिए समझा सुरेंद्र का शव
चाचा धर्मराज का कहना है कि सुरेंद्र काफी दिनों से जयपुर में कंपनी में काम करता था, जब उसके एक्सीडेंट की खबर सुनी तो उसके मोबाइल पर फोन लगाया, लेकिन उसका माेबाइल बंद था। शव लेने के लिए जब एसएमएस अस्पताल जयपुर पहुंचे तो जिसका शव रखा था उसकी शक्ल सुरेंद्र मिल रही थी इसलिए शव काे लेकर आ गए।
इनका कहना है
मैं जयपुर में काम कर रहा था। दो ढाई महीने से मेरो माेबाइल खराब हो गया था, इसलिए घर पर किसी से बात नहीं कर पाया। रात को जब मैंने भाई को फोन किया तो उसने बताया कि तुम तो मर गए तो फिर जिंदा कैसे हो गए। मेरे मरने की बात सुनकर में भी हैरान हो गया और रात वाली बस से सुबह गांव आ गया।
सुरेंद्र शर्मा, निवासी लहचोड़ा
हमारे गांव के युवक सुरेंद्र शर्मा की एक्सीडेट में मौत हो गई थी, घरवालों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। आज उसका बारहवां था तभी युवक जिंदा वापस लौट आया जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।
भोलाराम शर्मा, सरपंच पति, ग्राम पंचायत लहचोड़ा