Kuno Natioanl Park: राजस्थान के करौली पहुंचा पवन चीता, ट्रैंकुलाइज कर किया रेस्क्यू


वीरा चीता ने मुरैना में डाला डेरा, दो दिन पहले कूनो से निकले थे दोनों चीते।

By Prashant Pandey

Publish Date: Sat, 04 May 2024 07:18:29 PM (IST)

Updated Date: Sat, 04 May 2024 08:01:33 PM (IST)

पवन चीते को रेस्क्यू करती कूनो नेशनल पार्क की टीम।

HighLights

  1. विशेषज्ञों ने 3 से 4 घंटे में ट्रैंकुलाइज कर उसे काबू में किया।
  2. 13 चीतों में से दो चीते पवन और वीरा ही खुल जंगल में हैं।
  3. लगभग 10 घंटे तक चीता चंबल से सटे जंगलों में घूमता रहा।

Kuno Natioanl Park: नईदुनिया प्रतिनिधि, श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क की सीमा लांघकर पवन चीता श्योपुर जिले की सीमा से सटे राजस्थान के करौली तक पहुंच गया। चीता दूसरे राज्य में और आबादी क्षेत्र में पहुंचा था, इसलिए तुरंत ही उसे रेस्क्यू कर वापस लाया गया। कूनो प्रबंधन के अनुसार इससे पहले भी पवन चीता शिवपुरी व मुरैना क्षेत्र में जा चुका है।

इस बार मुश्किल परिस्थितियों में उसे ट्रैंकुलाइज कर लाया गया है, क्योंकि मौके पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। डीएफओ कूनो आर थिरुकुराल का कहना है कि कूनो की ट्रैकिंग टीम राजस्थान पहुंची और चीते व लोगों की जान की सुरक्षा को देखते हुए विशेषज्ञों ने 3 से 4 घंटे में ट्रैंकुलाइज कर उसे काबू में किया।

कूनो नेशनल पार्क में इस समय मौजूद 13 चीतों में से दो चीते पवन और वीरा ही खुल जंगल में हैं। प्रबंधन से मिली जानकारी के अनुसार गुरुवार को दोनों चीता की लोकेशन कूनो के बाहरी वन क्षेत्र में देखी गई। हालाकि शुरुआत में ये मुरैना के बरैठा की और जंगली इलाके में थे। पवन चीता शनिवार तड़के तक यहां से लगभग 50 किमी दूर श्योपुर से सटी राजस्थान सीमा में स्थित करौली जिले के सिमारा गांव तक पहुंच गया।

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चूकि ये क्षेत्र आबादी वाला है, इसलिए राजस्थान के वन विभाग और पुलिस के सहयोग से कूनो की टीम ने आपरेशन चलाया और चीते को ट्रेंकुलाइज किया। लगभग 10 घंटे तक चीता चंबल से सटे जंगलों में घूमता रहा। वीरा अभी भी मुरैना की सीमा में ही है।

इस बार कठिन रहा आपरेशन

कूनो से चीते पहले भी बाहर जाते रहे हैं, जब भी जंगल क्षेत्र से आबादी तक पहुंचे तो सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें ट्रेंकुलाइज कर वापस लाया गया है, प्रबंधन के अनुसार पहले की अपेक्षा इस बार परिस्थितियां जटिल रहीं, क्योंकि इस दौरान चीता खुल क्षेत्र में आ गया था।

सिमारा गांव के लोग जब सुबह खेतों पर जा रहे थे तो जंगली जानवर को देख वापस लौटे और दहशत के कारण लाठी व डंडों के साथ इकट्ठे हो गए। आपरेशन के दौरान राजस्थान पुलिस के सहयोग से सुनिश्चित किया गया कि चीते और लोगों के बीच दूरी रहे।

चंबल पार कर करौली पहुंचा चीता

मध्य प्रदेश के श्योपुर और मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील चंबल नदी से सटी है। नदी के दूसरी और करौली का सिमारा गांव भी चंबल के किनारे है। चीता चंबल पार करते हुए राजस्थान में पहुंचा है। इससे पहले चीता ‘अग्नि’ भी एक बार राजस्थान के बारां जिले तक पहुंचा था।

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    नईदुनिया डॉट कॉम इंदौर में मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ डेस्क पर वरिष्ठ उप-संपादक। पत्रकारिता और जनसंचार में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर से बैचलर और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से मास्टर्स डिग्री। इंदौर में 2014



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